मेन्यू
समाचार खोजें...
होम

कलकत्ता हाईकोर्ट ने अमित कुमार सिंह की पुनरीक्षण याचिका खारिज की, घरेलू हिंसा मामले में पुनः सुनवाई का आदेश बरकरार

अमित कुमार सिंह बनाम पुष्पा सिंह एवं एक अन्य - कलकत्ता हाईकोर्ट ने अमित कुमार सिंह की पुनरीक्षण याचिका खारिज की, पुष्पा सिंह के घरेलू हिंसा मामले में पुनः सुनवाई का आदेश बरकरार रखा।

Abhijeet Singh
कलकत्ता हाईकोर्ट ने अमित कुमार सिंह की पुनरीक्षण याचिका खारिज की, घरेलू हिंसा मामले में पुनः सुनवाई का आदेश बरकरार

कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को अमित कुमार सिंह की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने निचली अपीली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। यह आदेश उनकी पत्नी पुष्पा सिंह द्वारा दायर घरेलू हिंसा मामले को दोबारा सुनवाई के लिए ट्रायल कोर्ट को वापस भेजने से जुड़ा था। न्यायमूर्ति उदय कुमार ने कहा कि ट्रायल कोर्ट में हुई कानूनी खामियों को सुधारने के लिए पुनः सुनवाई ज़रूरी है।

पृष्ठभूमि

अमित कुमार सिंह और पुष्पा सिंह की शादी अप्रैल 2016 में हुई थी और उनके एक बेटा भी है। साल 2019 में पुष्पा ने घरेलू हिंसा अधिनियम (Protection of Women from Domestic Violence Act, 2005) के तहत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कई तरह की राहत मांगी- जैसे भरण- पोषण, आवास का अधिकार और शादी में मिला स्ट्रिधन (संपत्ति/गहने)।

सितंबर 2020 में मजिस्ट्रेट ने एकतरफा (ex-parte) आदेश देते हुए सिर्फ ₹10,000 मासिक भरण-पोषण और ₹50,000 मुआवज़े की मंज़ूरी दी। बाकी मांगे लंबित रह गईं। इससे असंतुष्ट होकर पुष्पा ने अपील की।

Also Read : Supreme Court Declines to Stay Waqf Amendment Act, 2025 Amid Fierce Constitutional Challenge

जून 2022 में सेशंस कोर्ट ने मजिस्ट्रेट का आदेश रद्द करते हुए मामला दोबारा सुनवाई के लिए भेज दिया। अदालत ने कहा कि दोनों पक्षों से उनकी आय और संपत्ति का शपथपत्र (Affidavit of Assets and Liabilities) जमा कराना अनिवार्य था, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने राजनेश बनाम नेहा (2021) में स्पष्ट किया है। इसके अलावा, आवास और स्ट्रिधन संबंधी मांगे नज़रअंदाज़ कर दी गई थीं।

Also Read : Delhi High Court Weighs Karan Johar's Plea to Protect Personality Rights Amid Misuse Allegations

अदालत की टिप्पणियाँ

अमित कुमार सिंह की ओर से अधिवक्ता असीस भट्टाचार्य ने दलील दी कि पुनः सुनवाई का आदेश अनुचित है। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल की मासिक आय केवल ₹24,500 है, उनकी वृद्ध मां पर भी खर्च है, और पत्नी स्वेच्छा से matrimonial home छोड़कर चली गई थी।

''अपीली अदालत को सीधा फैसला देना चाहिए था, न कि मामला वापस भेजना चाहिए था,'' उन्होंने कहा।

वहीं पुष्पा सिंह की ओर से अधिवक्ता अतिस कुमार विश्वास ने आदेश को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि अमित बार-बार आदेशों से बचने की कोशिश कर रहे हैं और अलग-अलग याचिकाएँ डालकर प्रक्रिया को खींच रहे हैं।

''पुनः सुनवाई से यह सुनिश्चित होगा कि आवास और स्ट्रिधन जैसी सारी मांगे सही तरीके से तय हों,'' उन्होंने तर्क दिया।

न्यायमूर्ति उदय कुमार ने माना कि शपथपत्र दाखिल न करना ''मूलभूत कानूनी त्रुटि'' है। अदालत ने टिप्पणी की-

''अपीली अदालत का मामला वापस भेजना पूरी तरह उचित और ज़रूरी था ताकि न्यायिक प्रक्रिया निष्पक्ष और वैधानिक हो सके। ''

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पत्नी के आचरण या घर छोड़ने जैसे आरोप विवादित तथ्य हैं, जिन्हें गवाहों और जिरह के आधार पर ट्रायल कोर्ट ही तय करेगा।

Also Read : केरल हाई कोर्ट केस मैनेजमेंट सिस्टम में वकीलों और वादकारियों के लिए व्हाट्सएप मैसेजिंग शुरू करेगा

निर्णय

अंततः हाईकोर्ट ने अमित कुमार सिंह की पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी और सेशंस कोर्ट के 18 जून 2022 के आदेश को बरकरार रखा। अदालत ने निर्देश दिया कि अमित अगली सुनवाई में मजिस्ट्रेट की अदालत में उपस्थित हों और अपनी आय- व्यय व संपत्ति का शपथपत्र दाखिल करें।

साथ ही ट्रायल कोर्ट को कहा गया कि वह जल्द से जल्द पुनः सुनवाई पूरी करे और सभी मांगों पर विस्तार से आदेश पारित करे।

इस तरह, हाईकोर्ट ने मामला निचली अदालत को लौटा दिया और अमित कुमार सिंह को कोई तात्कालिक राहत नहीं दी।

केस का शीर्षक: अमित कुमार सिंह बनाम पुष्परा सिंह एवं एक अन्य

केस संख्या: आपराधिक पुनरीक्षण याचिका (CRR) संख्या 3494, 2022

📄 Download Full Court Order
Official judgment document (PDF)
Download

More Stories