मेन्यू
समाचार खोजें...
होम

केरल हाईकोर्ट: रैपर वेदान को ज़मानत, कोर्ट ने कहा- असफल रिश्तों में सहमति को बलात्कार नहीं माना जा सकता

हिरंदास मुरली बनाम केरल राज्य एवं अन्य - केरल उच्च न्यायालय ने बलात्कार के मामले में रैपर वेदान को जमानत प्रदान की, कहा कि असफल रिश्तों को स्वचालित रूप से बलात्कार नहीं कहा जा सकता; न्यायालय ने सहमति के संदर्भ पर जोर दिया।

Shivam Y.
केरल हाईकोर्ट: रैपर वेदान को ज़मानत, कोर्ट ने कहा- असफल रिश्तों में सहमति को बलात्कार नहीं माना जा सकता

कोच्चि: केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को मलयालम रैपर हिरंदास मुरली, जिन्हें वेदन के नाम से जाना जाता है, को विवाह के झूठे वादे पर दुष्कर्म के आरोप वाले मामले में अग्रिम जमानत दे दी।

Read in Hindi

यह आदेश जस्टिस बेच्चू कुरियन थॉमस ने सुनाया, जिन्होंने स्पष्ट किया कि हर असफल रिश्ते को आपराधिक कानून के तहत बलात्कार नहीं माना जा सकता।

Read also:- इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जीएसटी याचिकाएं खारिज कीं, माल की जब्ती को बरकरार रखा और आईजीएसटी मामलों में राज्य प्राधिकरण की पुष्टि की

यह शिकायत एक युवा डॉक्टर ने दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि वेदन ने शादी का झूठा वादा कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि रैपर ने अन्य महिलाओं के साथ भी इसी तरह का पैटर्न अपनाया और जमानत का विरोध किया। पुलिस ने पहले ही दोनों पक्षों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और कोच्चि तथा कोझिकोड में, जहां कथित घटनाएँ हुईं, जांच जारी है।

आदेश सुनाते हुए जस्टिस थॉमस ने कहा:

"सिर्फ इसलिए कि रिश्ता खत्म हो गया है, शारीरिक संबंध को बलात्कार का नाम देना तर्कसंगत नहीं है। सहमति से बने रिश्ते का अंत यदि आपराधिक कार्यवाही का कारण बने तो यह किसी व्यक्ति के भविष्य को बर्बाद कर देगा।"

Read also:- सुप्रीम कोर्ट ने एडेलवाइस एसेट बनाम ईपीएफओ मामला वापस भेजा, हाई कोर्ट से एक्सिस बैंक को पक्षकार बनाकर पुनः सुनवाई का निर्देश

अदालत ने जोड़ा कि यदि कोई व्यक्ति पूरी तरह शादी का इरादा न रखते हुए धोखे से सहमति प्राप्त करता है तो वह अलग स्थिति होगी, लेकिन केवल शादी की उम्मीद पर दी गई सहमति का आकलन प्रत्येक मामले के हालात पर निर्भर करेगा।

हालांकि आरोप गंभीर हैं, अदालत ने माना कि आरोपी की पुलिस हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। वेदन को निर्देश दिया गया कि वह 9 और 10 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच जांच अधिकारी के सामने पेश हों। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि रैपर पर दर्ज अन्य मामलों या नए अपराध दर्ज होने की खबरें इस मामले से संबंधित नहीं हैं।

यह आदेश उस समय आया है जब कुछ महीने पहले ही वेदन को तेंदुए का दांत रखने के मामले में जमानत मिली थी। अदालत की यह टिप्पणी धारा 375 भारतीय दंड संहिता के तहत सहमति की व्याख्या पर व्यापक बहस छेड़ सकती है।

केस का शीर्षक: हिरंदास मुरली बनाम केरल राज्य एवं अन्य

केस संख्या: जमानत आवेदन 9377/2025

📄 Download Full Court Order
Official judgment document (PDF)
Download

More Stories