मेन्यू
समाचार खोजें...
होम

सुप्रीम कोर्ट ने SLP मामले में आत्मसमर्पण के लिए समय दिया

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य बनाम मनी राम के आपराधिक विशेष अनुमति याचिका (SLP) में याचिकाकर्ता को आत्मसमर्पण के लिए समय प्रदान किया है। यह मामला चार सप्ताह में सूचीबद्ध किया जाएगा।

Vivek G.
सुप्रीम कोर्ट ने SLP मामले में आत्मसमर्पण के लिए समय दिया

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मनी राम बनाम हरियाणा राज्य के मामले में एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया। यह आदेश 25 जुलाई 2025 को माननीय न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया द्वारा चैंबर में पारित किया गया।

यह मामला डायरी संख्या 36478/2025 के अंतर्गत दर्ज है, जिसमें निम्नलिखित आवेदन शामिल थे:

  • दायर करने में देरी की माफी हेतु आवेदन
  • फैसले की प्रमाणित प्रति दाखिल करने से छूट
  • अन्य दस्तावेज़ दाखिल करने से छूट
  • समय पर आत्मसमर्पण से छूट
  • अतिरिक्त दस्तावेज़/तथ्य/परिशिष्ट दाखिल करने की अनुमति

Read also:- सुप्रीम कोर्ट ने पोक्सो मामले में 78 वर्षीय बुजुर्ग को एक साथ सजा सुनाई

"याचिकाकर्ता को नियमित कोर्ट में SLP की पहली सुनवाई तक आत्मसमर्पण करने के लिए समय दिया जाता है।" – माननीय न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया

  • सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को आत्मसमर्पण के लिए समय प्रदान किया है, जो कि SLP की पहली सुनवाई की तिथि तक मान्य है।
  • याचिका को चार सप्ताह के भीतर सूचीबद्ध किया जाएगा।
  • इस अवधि के भीतर याचिकाकर्ता को यदि कोई त्रुटि है तो उसे दूर करना होगा
  • यह सुनवाई इन-चैंबर की गई और आवेदन का निस्तारण कर दिया गया है।

यह आदेश वरिष्ठ निजी सहायक कनिका तायल और कोर्ट मास्टर अव्गव रामु द्वारा दर्ज किया गया।

Read also:- तलाशी, जब्ती और सबूत में खामियों के कारण पटना उच्च न्यायालय ने एनडीपीएस मामले में आरोपी को बरी किया

यह संक्षिप्त लेकिन महत्वपूर्ण आदेश याचिकाकर्ता को अस्थायी राहत प्रदान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि आगे की कार्यवाही से पहले आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की जाएं।

केस का शीर्षक: मनी राम बनाम हरियाणा राज्य
केस का प्रकार: विशेष अनुमति याचिका (आपराधिक) – डायरी संख्या 36478/2025
आदेश तिथि: 25 जुलाई 2025

📄 Download Full Court Order
Official judgment document (PDF)
Download

More Stories