नई दिल्ली स्थित केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने मुंबई के बोरा बोरा रेस्टोरेंट (चाइना गेट रेस्टोरेंट्स प्राइवेट लिमिटेड) के खिलाफ बड़ा आदेश पारित किया है। प्राधिकरण ने पाया कि रेस्टोरेंट ने उपभोक्ताओं के बिल में डिफॉल्ट रूप से 10% सर्विस चार्ज जोड़कर उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन किया। इस मामले में ₹50,000 का जुर्माना लगाया गया है और बिलिंग सॉफ्टवेयर में तत्काल बदलाव के निर्देश दिए गए हैं।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला मुंबई निवासी पार्व यादव की शिकायत से शुरू हुआ, जो 27 अप्रैल 2025 को नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (1915) पर दर्ज कराई गई थी। शिकायत में कहा गया कि 19 अप्रैल 2025 को बोरा बोरा रेस्टोरेंट में खाने के बाद उनके बिल में सर्विस चार्ज जबरन जोड़ा गया, और हटाने के अनुरोध के बावजूद स्टाफ ने इनकार किया।
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इतना ही नहीं, सर्विस चार्ज पर GST भी वसूला गया, जिसे उपभोक्ता ने नियमों के खिलाफ बताया।
सीसीपीए ने शिकायत को गंभीर मानते हुए स्वतः संज्ञान लिया और प्रारंभिक जांच की। जांच में सामने आया कि बिल सॉफ्टवेयर के जरिए स्वतः जनरेट हुआ था, जिसमें सर्विस चार्ज पहले से जुड़ा था।
इसके बाद 2 मई 2025 को रेस्टोरेंट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया।
रेस्टोरेंट की ओर से कहा गया कि सर्विस चार्ज वैकल्पिक (discretionary) था और ग्राहक की सहमति से लिया जाता था। यह भी दावा किया गया कि चार्ज स्टाफ के लाभ के लिए होता है और Goodwill के तौर पर शिकायतकर्ता को रिफंड देने की पेशकश की गई।
हालांकि, सीसीपीए को यह जवाब संतोषजनक नहीं लगा।
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विस्तृत जांच में डायरेक्टर जनरल (इन्वेस्टिगेशन) ने पाया कि:
- सर्विस चार्ज ग्राहक की मर्जी से नहीं, बल्कि डिफॉल्ट रूप से बिल में जोड़ा जा रहा था।
- शिकायत के बावजूद रेस्टोरेंट ने समय पर समाधान नहीं किया।
- सर्विस चार्ज पर CGST और SGST लगाना सीसीपीए दिशानिर्देशों के खिलाफ था।
- रेस्टोरेंट का सार्वजनिक ई-मेल आईडी लंबे समय तक नॉन-फंक्शनल रहा, जिससे उपभोक्ता शिकायत दर्ज नहीं कर पाए।
जांच रिपोर्ट में कहा गया,
“सर्विस चार्ज का स्रोत बिलिंग सॉफ्टवेयर में मौजूद कमांड था, जिससे यह स्वतः हर बिल में जुड़ रहा था। ऐसे में इसे स्वैच्छिक नहीं माना जा सकता।”
सीसीपीए ने दिल्ली हाईकोर्ट के 28 मार्च 2025 के फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि अनिवार्य सर्विस चार्ज कानून के खिलाफ है और उपभोक्ता इसे देने के लिए बाध्य नहीं हो सकता।
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सीसीपीए के निष्कर्ष
प्राधिकरण ने माना कि बोरा बोरा रेस्टोरेंट ने:
- उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन किया,
- अनुचित व्यापार व्यवहार अपनाया,
- और सीसीपीए के 4 जुलाई 2022 के दिशानिर्देशों की अवहेलना की।
सीसीपीए ने टिप्पणी की,
“सॉफ्टवेयर के जरिए हर बिल में सर्विस चार्ज जोड़ना उपभोक्ता की सहमति की अवधारणा को ही खत्म कर देता है।”
अंतिम निर्णय
सीसीपीए ने अपने आदेश में निर्देश दिया कि:
- रेस्टोरेंट तुरंत अपने बिलिंग सॉफ्टवेयर से डिफॉल्ट सर्विस चार्ज हटाए।
- उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन के लिए ₹50,000 का जुर्माना अदा करे।
- उपभोक्ता शिकायतों के लिए रेस्टोरेंट का ई-मेल और संपर्क माध्यम हर समय सक्रिय रहें।
- इन निर्देशों के अनुपालन की रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर सीसीपीए को सौंपी जाए।
Case Title: CCPA vs China Gate Restaurant Pvt. Ltd. (Bora Bora)
Case No.: CCPA-2/26/2025-CCPA
Case Type: Consumer Protection / Unfair Trade Practice
Decision Date: 29 December 2025










