रांची, 19 दिसंबर 2025 – झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार और रांची नगर निगम के अधिकारियों पर तीखी टिप्पणी की और स्पष्ट कहा कि स्लॉटरहाउस और मटन दुकानों के नियमन में वर्षों से देरी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अदालत ने रिकॉर्ड पर कहा कि आदेशों के बावजूद जिम्मेदार विभाग “बस दिली–डैलींग कर रहे हैं” और 2023 के बाद कोई ठोस कदम सामने नहीं आया।
कोर्टरूम में माहौल तनाव भरा था। बेंच की आवाज़ सधी हुई थी, लेकिन शब्दों में गुस्सा साफ़ महसूस हो रहा था।
पृष्ठभूमि
यह मामला श्यामानंद पांडे द्वारा अवैध पशु वध गतिविधियों और निजी संचालकों के लिए नियमों की स्पष्टता की कमी से संबंधित एक जनहित याचिका से जुड़ा है। न्यायालय ने इससे पहले रांची नगर निगम द्वारा 2018 में जारी एक नोटिस को रद्द कर दिया था और प्रशासन को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अनुरूप एक उचित लाइसेंसिंग ढांचा तैयार करने का निर्देश दिया था। हालांकि, इस वर्ष दायर हलफनामों में 2023 के बाद उठाए गए किसी भी ठोस कदम का उल्लेख नहीं किया गया, जिसके कारण आज यह टकराव हुआ।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि राज्य ने नियामक व्यवस्था में कमी छोड़ दी है, जिससे मटन विक्रेताओं के लिए भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है और बिना लाइसेंस के व्यापार के लिए अवसर खुल गया है।
अधिवक्ताओं ने कहा, "लोग कानून का पालन करने को तैयार हैं, लेकिन कानून को ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है।"
अदालत की टिप्पणियां
सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास विभाग और रांची नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना पड़ा। अदालत ने लम्बी बातचीत के बाद कहा कि अब और बहाने स्वीकार नहीं होंगे।
बेंच ने सख्त लहजे में टिप्पणी की:
“यह मामला हल्के में लेने का नहीं है। अनुपालन विकल्प नहीं है। आदेशों को संपूर्ण भावना में लागू करना ही होगा।”
कोर्ट ने साफ किया कि नियम केवल रांची के लिए नहीं, बल्कि राज्य की सभी नगर निकायों पर लागू होने वाले मॉडल विनियम के रूप में तैयार किए जाएं। यह संकेत था कि मामला अब एक शहर से बढ़कर राज्यव्यापी अनुपालन का हो चुका है।
अदालत का आदेश
सभी तीन अधिकारियों ने अदालत को भरोसा दिलाया कि दो महीने के भीतर नियम तैयार कर दिए जाएंगे। कोर्ट ने इस आश्वासन को रिकॉर्ड पर लेते हुए निर्देश जारी किए:
- केवल लाइसेंसशुदा व्यापारी ही मटन बेच सकेंगे
- बिना अनुमति स्लॉटरिंग या बिक्री की इजाजत नहीं
- मांस बिक्री खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006, विनियम 2011, और जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम (बूचड़खाना) नियम, 2001 के अनुसार ही होगी
- हर उल्लंघन पर “गंभीर परिणाम” भुगतने पड़ सकते हैं
- अगली सुनवाई 27 फरवरी 2026 तय
Case Title: Shyamanand Pandey vs. The State of Jharkhand & Others
Case Type & Number: W.P. (PIL) No. 5169 of 2023
Date of Order: 19 December 2025










