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इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: नगर पंचायत चुनाव याचिका में देरी माफी अवैध, अध्यक्ष पद पर ओंकार गुप्ता बहाल

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नगर पंचायत चुनाव याचिका में देरी माफी को अवैध बताते हुए निचली अदालत के आदेश रद्द किए।

Vivek G.
इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: नगर पंचायत चुनाव याचिका में देरी माफी अवैध, अध्यक्ष पद पर ओंकार गुप्ता बहाल

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने नगर पंचायत अध्यक्ष पद से जुड़े एक अहम चुनाव विवाद में स्पष्ट किया है कि

मामले की पृष्ठभूमि

अंबेडकर नगर की नगर पंचायत अशरफपुर किछौंचा में 11 मई 2023 को मतदान हुआ और 13 मई 2023 को परिणाम घोषित किए गए। ओंकार गुप्ता को अध्यक्ष घोषित किया गया। चुनाव हारने वाले प्रत्याशी ने 18 जुलाई 2023 को चुनाव याचिका दाखिल की, जबकि कानून के अनुसार इसे 30 दिनों के भीतर दाखिल किया जाना था।

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याचिकाकर्ता ने देरी को सही ठहराने के लिए सीमित अधिनियम, 1963 की धारा 5 के तहत आवेदन दिया, जिसे अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया और बाद में चुनाव याचिका भी मंजूर कर ली।

हाईकोर्ट के समक्ष मूल प्रश्न यह था कि-
क्या नगर पालिका अधिनियम, 1916 के तहत दाखिल चुनाव याचिका में देरी को धारा 5 के तहत माफ किया जा सकता है?

याचिकाकर्ता ओंकार गुप्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने दलील दी कि चुनाव कानून एक विशेष कानून (Special Law) है और इसमें देरी माफी का कोई प्रावधान नहीं है।

न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने सुनवाई के दौरान कहा,

“चुनाव याचिका एक विशेष वैधानिक कार्यवाही है। जहां कानून ने स्पष्ट समय-सीमा तय की है, वहां अदालत सामान्य उदार दृष्टिकोण नहीं अपना सकती।”

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि-

  • जिला न्यायाधीश चुनाव याचिका सुनते समय न्यायालय (Court) के रूप में कार्य करता है।
  • लेकिन केवल न्यायालय होने से सीमित अधिनियम की धारा 5 अपने आप लागू नहीं हो जाती।
  • नगर पालिका अधिनियम की धारा 23 में केवल धारा 12(2) लागू करने का उल्लेख है, धारा 5 का नहीं।

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सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला

हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के कई पुराने निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि-

“चुनाव कानून एक पूर्ण और आत्मनिर्भर संहिता है। इसमें देरी माफी जैसे सामान्य प्रावधान स्वतः लागू नहीं होते।”

कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और नगर पालिका अधिनियम, 1916 की संरचना लगभग समान है, इसलिए वहां स्थापित सिद्धांत यहां भी लागू होंगे।

हाईकोर्ट ने माना कि अतिरिक्त जिला न्यायाधीश द्वारा 4 नवंबर 2025 को देरी माफ करना कानूनन गलत था। उसी आधार पर 15 नवंबर 2025 को पारित चुनाव याचिका स्वीकार करने का आदेश भी अस्थिर हो गया।

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अंतिम निर्णय

कोर्ट ने स्पष्ट आदेश देते हुए कहा-

  • देरी माफी का आदेश रद्द किया जाता है।
  • चुनाव याचिका समय-सीमा के कारण खारिज की जाती है।
  • जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नियुक्त प्रशासक का आदेश स्वतः निरस्त माना जाएगा।
  • ओंकार गुप्ता नगर पंचायत अध्यक्ष के रूप में अपने पद पर बने रहेंगे।

Case Title: Omkar Gupta vs State of Uttar Pradesh & Ors.

Case No.: Writ – C No. 11631 of 2025

Case Type: Municipal Election Dispute

Decision Date: 03 December 2025

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