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दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: PACL मनी लॉन्ड्रिंग केस में हरसतिंदर हायर को नौ साल बाद जमानत

हरसतिंदर पाल सिंह हेयर बनाम प्रवर्तन निदेशालय, दिल्ली हाईकोर्ट ने PACL मनी लॉन्ड्रिंग केस में हरसतिंदर हायर को जमानत दी, देर से गिरफ्तारी और जांच पूरी होने को अहम माना।

Vivek G.
दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: PACL मनी लॉन्ड्रिंग केस में हरसतिंदर हायर को नौ साल बाद जमानत

अदालत कक्ष में मंगलवार को माहौल गंभीर था, लेकिन फैसला आते ही हलचल साफ दिखी। दिल्ली हाईकोर्ट ने PACL से जुड़े चर्चित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हरसतिंदर पाल सिंह हायर को नियमित जमानत दे दी। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की एकल पीठ ने कहा कि इतने लंबे समय बाद की गई गिरफ्तारी की “वास्तविक जरूरत” रिकॉर्ड से साबित नहीं होती।

पृष्ठभूमि (Background)

यह मामला PACL और पर्ल्स गोल्डन फॉरेस्ट की कथित निवेश योजनाओं से जुड़ा है, जिनके जरिए देशभर के निवेशकों से हजारों करोड़ रुपये जुटाने का आरोप है। सीबीआई ने 2014 में मूल एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन उस समय हायर का नाम आरोपी के रूप में शामिल नहीं था। बाद में 2021 में उन्हें पूरक चार्जशीट में जोड़ा गया और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2025 में उन्हें PMLA केस में आरोपी बनाया।

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इस बीच, हायर को पहले से दर्ज मामलों में जमानत मिल चुकी थी। वे कई बार अदालत की अनुमति से विदेश भी गए और हर बार तय समय पर लौटे। बचाव पक्ष ने बार-बार जोर देकर कहा कि उन्होंने कभी जांच से भागने की कोशिश नहीं की।

अदालत की टिप्पणियां (Court’s Observations)

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गिरफ्तारी के समय और कारणों पर खास ध्यान दिया। पीठ ने कहा कि ईडी को हायर की कथित भूमिका और लेन-देन की जानकारी कम से कम 2018 से थी। इसके बावजूद, मार्च 2025 में अचानक गिरफ्तारी की गई, वह भी तब जब हायर के पास विदेश यात्रा की वैध अनुमति थी।

अदालत ने टिप्पणी की, “रिकॉर्ड से स्पष्ट है कि आवेदक ने जांच में लगातार सहयोग किया और कभी कानून से बचने का प्रयास नहीं किया।” कोर्ट ने यह भी नोट किया कि मामला मुख्य रूप से दस्तावेजों पर आधारित है, जो पहले ही जांच एजेंसी के कब्जे में हैं।

हायर पर यह आरोप था कि वे कुछ ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों के निदेशक रहे, जिनके जरिए अपराध की आय बाहर भेजी गई। लेकिन कोर्ट ने कहा कि आरोपित राशि का बड़ा हिस्सा उनके निदेशक बनने से पहले ही ट्रांसफर हो चुका था। ऐसे में केवल पद के आधार पर सक्रिय भूमिका मान लेना फिलहाल उचित नहीं है।

PMLA की कड़ी शर्तों पर चर्चा करते हुए पीठ ने माना कि हायर ने जमानत के लिए जरूरी “ट्विन कंडीशंस” और सामान्य “ट्रिपल टेस्ट” - फरार होने का खतरा, सबूत से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका - सभी को पूरा किया है।

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निर्णय (Decision)

इन परिस्थितियों में अदालत ने कहा कि जांच पूरी हो चुकी है और आगे की हिरासत का कोई ठोस औचित्य नहीं है। इसलिए हाईकोर्ट ने हरसतिंदर पाल सिंह हायर को ₹5 लाख के निजी मुचलके और समान जमानतदार पर नियमित जमानत देने का आदेश दिया, साथ ही यात्रा और गवाहों से संपर्क पर सख्त शर्तें लगाईं। कोर्ट ने साफ किया कि यह टिप्पणियां केवल जमानत के लिए हैं और मामले के गुण-दोष पर कोई राय नहीं मानी जाए।

Case Title: Harsatinder Pal Singh Hayer v. Directorate of Enforcement

Case No.: Bail Application No. 3054/2025 (with Crl. M.A. 23642/2025)

Case Type: Regular Bail under PMLA

Decision Date: 24 December 2025

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