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दिल्ली MACT का बड़ा फैसला: तिलक मार्ग हादसे में डाक विभाग जिम्मेदार, घायल को ₹5.22 लाख मुआवजा

दिल्ली MACT ने तिलक मार्ग हादसे में डाक विभाग को दोषी मानते हुए घायल मोटरसाइकिल सवार को ₹5.22 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया।

Vivek G.
दिल्ली MACT का बड़ा फैसला: तिलक मार्ग हादसे में डाक विभाग जिम्मेदार, घायल को ₹5.22 लाख मुआवजा

पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में गुरुवार को मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल (MACT) की अदालत में माहौल गंभीर था। करीब दस साल पुराने सड़क हादसे से जुड़ा मामला आखिरकार अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचा। अदालत ने साफ शब्दों में कहा कि तिलक मार्ग पर हुए इस हादसे के लिए सरकारी वाहन और उसका विभाग जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। फैसला सुनते वक्त कोर्ट रूम में मौजूद लोगों को यह एहसास था कि यह सिर्फ मुआवजे का मामला नहीं, बल्कि जवाबदेही का सवाल भी है।

Background

यह मामला 14 फरवरी 2015 का है। मोहम्मद खुशबुद्दीन अपनी मोटरसाइकिल से घर लौट रहे थे, तभी सुप्रीम कोर्ट के गेट के पास तिलक मार्ग पर डाक विभाग के वाहन से उनकी टक्कर हो गई। वाहन सरकारी था और उसे अनिल कुमार चला रहे थे, जो उस समय ड्यूटी पर थे।

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हादसे के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच के बाद चालक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। चूंकि वाहन सरकारी था और बीमा नहीं था, इसलिए सीधे तौर पर डाक विभाग को भी पक्षकार बनाया गया। खुशबुद्दीन ने इलाज, काम से दूर रहने और शारीरिक कष्ट के लिए मुआवजे की मांग की।

Court’s Observations

सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सामने आईं। घायल पक्ष का कहना था कि सरकारी वाहन ने गलत जगह से मोड़ लिया और अचानक ब्रेक लगाने से हादसा हुआ। वहीं चालक ने दावा किया कि मोटरसाइकिल पीछे से टकराई।

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ट्रिब्यूनल ने रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों को अहम माना। अदालत ने कहा कि जब किसी चालक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो जाती है, तो यह लापरवाही की ओर इशारा करती है। “दावों के मामलों में आपराधिक मुकदमों जैसी सख्त कसौटी नहीं होती,” पीठ ने टिप्पणी की, “यहां देखा जाता है कि कौन-सा पक्ष अधिक संभावित लगता है।”

कोर्ट ने यह भी नोट किया कि चालक ने स्वीकार किया था कि वह निर्धारित ड्यूटी समय से ज्यादा काम कर रहा था और उसने एक ऐसे कट से वाहन मोड़ा, जो आम वाहनों के लिए नहीं था। अदालत के मुताबिक, थकान और गलत मोड़ जैसी बातें चालक की सतर्कता पर सवाल खड़े करती हैं।

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Decision

सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए ट्रिब्यूनल ने माना कि हादसा सरकारी वाहन के चालक की लापरवाही से हुआ। अदालत ने घायल को कुल ₹5,22,200 का मुआवजा देने का आदेश दिया, जिस पर दावा दाखिल करने की तारीख से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी लागू होगा। चूंकि दुर्घटना सरकारी ड्यूटी के दौरान हुई थी, इसलिए डाक विभाग को मुआवजे की राशि जमा करने का निर्देश दिया गया।

Case Title: Mohd. Khushbuddin vs Anil Kumar & Another (Govt. Vehicle)

Case No.: DAR No. 781/2017

Case Type: Motor Accident Claim (Injury Compensation)

Decision Date: 26 December 2025

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