श्रीनगर में सुनवाई के दौरान High Court of Jammu and Kashmir ने जिला न्यायपालिका की भर्ती से जुड़े एक अहम मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाया। अदालत ने कहा कि केवल निवास जिले के आधार पर किसी योग्य उम्मीदवार को सरकारी नौकरी की प्रक्रिया से बाहर नहीं किया जा सकता। यह फैसला बलविंदर कुमार बनाम जम्मू-कश्मीर प्रशासन मामले में आया, जो वर्ष 2019 की क्लास-IV भर्ती से जुड़ा था।
मामले की पृष्ठभूमि
जनवरी 2019 में हाईकोर्ट प्रशासन ने जिला बारामूला में ऑर्डरली (Class-IV) के पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी किया था। कुल नौ पदों में एक पद अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के लिए आरक्षित था।
याचिकाकर्ता बलविंदर कुमार, जो SC वर्ग से आते हैं और शैक्षणिक रूप से पात्र थे, ने इस पद के लिए आवेदन किया। वे जिला सांबा के निवासी थे। आवेदन स्वीकार हुआ, नाम शॉर्टलिस्ट हुआ और उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया भी गया।
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लेकिन 16 जुलाई 2019 को इंटरव्यू के दिन, दस्तावेज़ जांच के दौरान यह कहकर उन्हें इंटरव्यू से रोक दिया गया कि वे बारामूला जिले के निवासी नहीं हैं, जबकि पद जिला कैडर का है।
याचिकाकर्ता ने अदालत में कहा कि-
- निवास के आधार पर भेदभाव संविधान के अनुच्छेद 16(1) और 16(2) के खिलाफ है।
- वे पहले ही शॉर्टलिस्ट हो चुके थे, इसलिए इंटरव्यू से रोकना मनमाना है।
- राज्य या हाईकोर्ट तब तक निवास की शर्त नहीं लगा सकता, जब तक संसद ने ऐसा कोई कानून न बनाया हो।
उनके वकील ने पहले के डिवीजन बेंच फैसलों का भी हवाला दिया।
दो जजों की पीठ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि—
“केवल जिले के निवास के आधार पर किसी नागरिक को सरकारी नौकरी से वंचित करना संविधान की भावना के खिलाफ है।”
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अदालत ने यह भी कहा कि-
- चयन प्रक्रिया में भाग लेना असंवैधानिक शर्त को चुनौती देने से नहीं रोकता।
- ‘एस्टॉपल’ का सिद्धांत तब लागू नहीं होता, जब चयन प्रक्रिया खुद संविधान का उल्लंघन करती हो।
पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि उम्मीदवार प्रक्रिया स्वीकार करता है, अवैधता नहीं।
कोर्ट ने भर्ती विज्ञापन की क्लॉज 1(i)(a) को सीधे-सीधे असंवैधानिक करार दिया। अदालत के अनुसार-
- संसद ने जम्मू-कश्मीर में किसी भी सरकारी पद के लिए निवास की अनिवार्यता तय करने वाला कोई कानून नहीं बनाया है।
- ऐसे में हाईकोर्ट या राज्य सरकार को यह अधिकार नहीं है कि वे जिले-वार निवास की शर्त लगाएं।
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अदालत का अंतिम फैसला
अदालत ने याचिका स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि-
- विवादित क्लॉज को अमान्य माना जाएगा।
- याचिकाकर्ता बलविंदर कुमार का इंटरव्यू लिया जाए।
- चयन प्रक्रिया दो महीने के भीतर पूरी की जाए।
- यदि याचिकाकर्ता मेरिट में आता है, तो उसे भविष्य प्रभाव से नियुक्ति दी जाए।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में कोई लागत (cost) नहीं लगाई जाएगी।
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने जिला कैडर भर्ती में निवास शर्त को असंवैधानिक बताया। SC उम्मीदवार को इंटरव्यू का आदेश। Article 16 पर अहम फैसला।
Case Title: Balwinder Kumar vs State of J&K & Others
Case No.: WP (C) No. 2849/2019
Case Type: Writ Petition (Service Matter)
Decision Date: 30 December 2025










